Hindi Poetry || (हिंदी कवितायेँ)

[su_note]लडखडाया है जीतना वो संभल जायेगा,
वक्त आनें पे वो भी जाहिर बदल जायेगा,
आज कहते हो ये क्या-क्या लिखते हो तुम,
देखना जमाना मेरे गीत जब कल गायेगा। [/su_note]
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[su_note]ज़िन्दगी के उलझे सवालो के जवाब ढूंढता हु,
कर सके जो दर्द कम, वोह नशा ढूंढता हु,
वक़्त से मजबूर, हालात से लाचार हु मैं..
जो देदे जीने का बहाना ऐसी राह ढूंढता हु।[/su_note]
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[su_note]लाजवाब है मेरी जिंदगी का फसाना,
कोई सीखे मुझसे हर पल मुस्कुराना,
पर कोई मेरी हंसी को नजर न लगाना,
बहुत दर्द सहकर सीखा है हम ने मुस्कुराना।[/su_note]
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[su_note]एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें,
वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे,
और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि,
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे।[/su_note]
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[su_note]जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है! [/su_note]
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[su_note]सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको,
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको,
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा,
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको।[/su_note]
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[su_note]जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है[/su_note]
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[su_note]हम जुदा हुए थे फिर मिलने के लिये,
ज़िंदगी की राहों में संग चलने के लिये,
तेरे प्यार की कशिश दिल में बसी है कुछ ईस क़दर,
दुआ है तेरा साथ मिले ज़रा संभलने के लिये।[/su_note]
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[su_note]हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की![/su_note]
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[su_note]जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को,
एक जलता चराग सा नज़र आऊगा मैं
राह से रहगुज़र बन के भी गुजर जाओगी,
एक मिल का पत्थर सा खड़ा नज़र आऊगा मैं..[/su_note]
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[su_note]मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।[/su_note]
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[su_note]दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरो से दिललगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया।[/su_note]
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[su_note]तुम्हारे प्यार की दास्तां हमने अपने दिल में लिखी है,
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है,
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल,
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है![/su_note]
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[su_note]राह देख़ते-देख़ते तेरी, बहुत देर हो गई,
कल तलक मैं तेरी थी, आज ग़ैर हो गई..
न पूछा तूने कुछ भी, न क़हां मैंने कुछ भी,
यूँ ही मोहब्बत की शाम-ओ-सहर हो गई..
अनकहे जज्बात, भीतर ही दफ़न हो गए,
जुदाई की वो घडियाँ पल में कहर हो गई..
मर-मर के ग़ुजरती हैं तेरे बिना ये ज़िन्दगी,
तेरे नाम जो साँसे थी, आज ज़हर हो गई..[/su_note]

 

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