Hindi Poetry || (हिंदी कवितायेँ)

[su_note]किस वास्ते लिक्खा है हथेली पे मेरा नाम,
मैं हर्फ़-ए-ग़लत हूँ तो मिटा क्यूँ नहीं देते।[/su_note]
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[su_note]लाख दिये जला के देख तु अपनी गली में,
रोशनी तो तब होगी जब हम आयेगे।[/su_note]
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[su_note]उसकी हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकू,
ढूंढ़ने उसीको चल हूँ जिसे कभी पा भी न सकू।[/su_note]
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[su_note]अपनें हाथों मे दुआओं की तरह उठा लूँ तुम को,
जो मिल जाओ तो किसी खज़ाने की तरह सम्भालू तुमको।[/su_note]
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[su_note]मैं तेरे खयालो से बच के कहाँ जाऊं,
तुम मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आते हो।[/su_note]
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[su_note]अभी तो चन्द लफ्जो मे शिकायत है तुझे मैने,
अभी तो मेरी किताबों मे तेरी तफसिर बाकी है।[/su_note]
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[su_note]मत फेक पानी में पथर उसे भी कोई पिता है,
मत रहो यु उदास तुम्हे देख कर भी जिंदगी मे कोई जीता है।[/su_note]
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[su_note]दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।[/su_note]
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[su_note]सोचता हूँ गुलशन मे काटो के साथ साथ बबूल भी होगे,
क्या हुआ अगर उसने बेवफाई की उसके अपने उसूल भी होगे।[/su_note]
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[su_note]दर्द की अनुभूति का भूगोल कोई क्या लिखेगा,
बाँसुरी की वेदना के बोल कोई क्या लिखेगा,
रास लीला कृष्ण की लिखना बहुत आसान लेकिन,
गोपियों के आँसुओं के मोल कोई क्या लिखेगा।[/su_note]
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[su_note]ज़िन्दगी के उलझे सवालो के जवाब ढूंढता हु,
कर सके जो दर्द कम, वोह नशा ढूंढता हु,
वक़्त से मजबूर, हालात से लाचार हु मैं,
जो देदे जीने का बहाना ऐसी राह ढूंढता हु![/su_note]
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[su_note]सदक़ा भी दे दिया है नज़र भी उतार दी,
दौलत सुकूनो चैन की सब मुझपे वार दी,
कल शाम मैंने क्या कहा तबीयत ख़राब है,
माँ ने तमाम रात दुआ में गुज़ार दी! [/su_note]
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[su_note]छु ले आसमान जमीन की तलाश न कर,
जी ले जिंदगी खुशी की तलाश न कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर.[/su_note]
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[su_note]वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
खुदा जाने वो क्या लिख रहा था,
महोब्बत में मिली थी नफरत उसे भी शायद,
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।[/su_note]
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[su_note]दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है.[/su_note]